सैयद मुश्ताक़ अली टी20 टूर्नामेंट के फाइनल में भिड़ेंगी तमिलनाडु और बड़ौदा की टीमें – सैयद मुश्ताक़ अली टी20 टूर्नामेंट 2020-21 के दोनों सेमी फाइनल मुकाबले शुक्रवार को अहमदाबाद में खेले गए। पहले सेमी फाइनल मुकाबले में तमिलनाडु ने राजस्थान को और दूसरे सेमी फाइनल मुकाबले में बड़ौदा ने पंजाब को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल मुकाबला तमिलनाडु और बड़ौदा के बीच अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम में 31 जनवरी को शाम 7 बजे से खेला जाएगा।
पिछले सीजन उप विजेता था तमिलनाडु:
सैयद मुश्ताक़ अली टी20 टूर्नामेंट 2019-20 में भी तमिलनाडु ने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन कर्नाटक ने उसे हराकर लगातार दूसरी बार खिताब पर कब्जा किया था। हालांकि तमिलनाडु टीम सैयद मुश्ताक़ अली टी20 टूर्नामेंट के पहले सीजन (2006-07) में खिताब जीत चुकी है। तब से लेकर अब तक वे खिताब जीतने से वंचित रहे हैं। अब वे एक बार फिर खिताब जीतने के लिए अपनी किस्मत आजमाने मैदान पर उतरेंगे।
सैयद मुश्ताक़ अली टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम है बड़ौदा:
बड़ौदा की टीम सैयद मुश्ताक़ अली टी20 टूर्नामेंट इतिहास की सबसे सफल टीम है। यह टीम चौथी बार फाइनल में गई है, जिसमें से वे दो बार चैंपियन भी रहे हैं। क्या वे तीसरी बार खिताब जीतकर इतिहास बना पाएंगे यह देखना दिलचस्प रहेगा। टूर्नामेंट के इतिहास में कोई भी टीम अब तक दो बार से अधिक चैंपियन नहीं रही है। बड़ौदा के अलावा गुजरात और कर्नाटक भी दो-दो बार खिताब जीत चुकी है। लेकिन गुजरात और कर्नाटक की टीमें मात्र 2 बार ही फाइनल खेली हैं।
इस सीजन क्या है तमिलनाडु का मजबूत पक्ष?
इस सीजन तमिलनाडु का सबसे मजबूत पक्ष उसकी बैटिंग लाइन-अप और कप्तानी है। तमिलनाडु के कप्तान दिनेश कार्तिक हैं, जिनके पास लगभग ढाई सीजन तक आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी करने का अनुभव है। इसके अलावा उन्होंने डोमेस्टिक सर्किट में तमिलनाडु की ओर से भी काफी कप्तानी की है।
अगर बैटिंग पक्ष की बात करें तो इस टीम के सलामी बल्लेबाज एन जगदीशन इस सीजन अब तक सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 7 मैचों में 87.50 की औसत से 350 रन बनाए हैं। इसके अलावा क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हिमांचल प्रदेश के खिलाफ शाहरुख खान की 19 गेंदों पर 40 रनों की तूफानी पारी और सेमी फाइनल में राजस्थान के खिलाफ अरूण कार्तिक की 54 गेंदों पर 89 रनों की पारी भला कौन भूल सकता है। यानी इस टीम के सभी बल्लेबाज अपना काम करना बखूबी जानते हैं।
क्या है बड़ौदा का मजबूत पक्ष?
क्रुणाल पांड्या के चले जाने के बाद इस टीम का नेतृत्व अब केदार देवधर कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में बड़ौदा अब तक इस सीजन कोई भी मैच नहीं हारी है। इस टीम का सबसे मजबूत पक्ष यह है कि इनके खिलाड़ी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही खुद को झोंक देते हैं। जहाँ बल्लेबाजी की जरूरत होती है तो बल्लेबाज बेहतर खेल दिखाते हैं और जहां गेंदबाज की जरूरत होती है वहाँ गेंदबाज बेहतर खेल दिखाते हैं। कप्तान केदार देवधर ने इस टीम की ओर से सबसे अधिक 333 रन बनाए हैं। लेकिन क्वार्टर फाइनल मुकाबले में विष्णु सोलंकी ने अंतिम 3 गेंदों पर 16 रन जड़कर अपने टीम को जीत दिलाई थी।
कौन जीत सकता है यह टूर्नामेंट?
चुकि दोनों टीमें अपने सभी मुकाबले जीतकर फाइनल में पहुँच रहीं हैं इसका मतलब दोनों में फाइनल जीतने की क्षमता है। लेकिन यदि आप दोनों की लाइन अप देखें तो तमिलनाडु के पास अधिक अनुभवी खिलाड़ी हैं और अनुभवी कप्तान है। इसके अलावा तमिलनाडु के लगभग सभी खिलाड़ी किसी न किसी मैच में मैच विनर साबित हुए हैं। इसलिए तमिलनाडु इस सीजन खिताब जीतने के लिए फेवरेट है।
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